हे श्री हरि,,,गोपाला-सरिता गर्ग “सरि”

हे श्री हरि,,,गोपाला
मीरा जपे तेरी माला

सुध बुध खोई लाज गँवाई
जग को उसकी प्रीत न भाई
मन में फैला उजाला
हे ,,,श्री हरि,,,,गोपाला
मीरा जपे तेरी माला

कर में ले इकतारा घूमें
पलकें तेरी पद-रज चूमें
मन हरता नन्दलाला
हैं,,,श्री,,,,गोपाला
मीरा जपे तेरी माला

मन में तेरे भजन बनाती
भटके वन-वन फिरती गाती
पी गई विष का प्याला
गोपालाआ………..
मीरा जपे तेरी माला

सरिता गर्ग “सरि”
जयपुर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

wifi

Wed Feb 22 , 2023