
अश्वमेध यज्ञ के बाद जब
राम सीता का आमना सामना हुआ होगा तब अयोध्या के महाराज श्री राम के मन हृदय में क्या हुआ होगा गरिमा पाठक के शब्दों में …।
वैदेही
वैदेही अब लौट चलो
अब न होगी भूल
बहुत चुभते हैं
अब वे करुण
विरह दंश के शूल
वैदेही अब लौट चलो
अब न होगी भूल
काल रात्रि आई थी
वन गमन का कठोर
आदेश लाई थी
हृदय में उठते हैं
अब असंख्य पीर
वैदेही अब लौट चलो
अब न होगी भूल
वो वन गमन
कलंक नहीं था
बस मुझे तो
स्त्री सुख ही नहीं था
वैदेही अब लौट चलो
अब न होगी भूल