ग़ज़ल 1222 /1222 /1222
वतन पहले, सियासत बाद में करना। रफ़ाक़त की वकालत बाद में करना।
चुनावी जंग अपनी जीत लो पहले, हुकूमत से महब्बत बाद में करना।
तमन्ना वस्ल की दिल से निभा सुह्बत, खताओं की शिकायत बाद में करना।
लिखों पहले तरान: दर्द का दिल से, जमाने से बगावत बाद में करना।
खुदा की बंदगी पहले करो ‘त्यागी’, सियासत की हिफ़ाज़त बाद में करना।
हिम्मत सिगं त्यागी * कापीराइट एक्ट के अंतर्गत
