कोविड19 के मद्देनजर करीब 11 माह से तमाम देशों के आवागमन नियमों पर प्रभाव पड़ा है। भारत-नेपाल सीमा पर आवागमन रोक व छूट संबंधित गाइडलाइंस समय-समय पर जारी हो होती रही है। वर्तमान में सौनौली-बेलहिया सरहद से मालवाहक वाहनों व पैदल आवागमन जारी है। भारतीय पर्यटक वाहनों व मोटरसाइकिल के नेपाल प्रवेश पर अब भी रोक है। जाहिर है कि इस रोक से नेपाल के टूरिज़म सेक्टर को भारी नुकसान है। सवाल यह उठ रहा है कि यह रोक किस सरकार ने लगाई है। भारत ने या नेपाल ने? सौनौली बॉर्डर पर नेपाल के पर्यटन से जुड़े संस्थान पांच दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं। मांग यह है कि भारतीय पर्यटकों व उनके वाहनों को नेपाल आने दिया जाए। बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि रोक किसने लगाई है? बॉर्डर पर प्रदर्शन करने आये तमाम नेपाली संगठन के लोगों का कहना है कि उनके पास भारतीय दूतावास से फोन आए थे। भारत की तरफ से कोई रोक नहीं है। नेपाल की तरफ से ही भारतीय पर्यटक व मोटरसाइकिल के भंसार कागजात व सुविधा (1950 भारत-नेपाल मैत्री संधि) का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। यह क्रम कई महीनों से जारी है। भारतीय एसएसबी परंपरागत जांच के बाद नेपाली नागरिकों को भारत आने दे रही है। बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि नेपाल में फिलहाल कोई सरकार नहीं है। बावजूद इसके वह कौन है जो नेपाली भंसार पर यह निर्देश जारी किए हुए है कि भारतीय पर्यटकों को न आने दिया जाए?
मानें या न मानें! यह हकीकत है। भारत-नेपाल के रिश्तों में दरार सरहद पर सूचना के लिए तैनात ब्रांड छाप भारतीय अखबारों व न्यूज़ चैनल के कथित पत्रकार बिगाड़ रहे हैं। यह आरोप नेपाल के तरफ से है। शनिवार को सौनौली बॉर्डर पर नेपाली नागरिकों द्वारा सरहद पर तीन घन्टे […]