धर्मेंद्र चौधरी की रिपोर्ट :
सौनौली बार्डर पर गुरुवार को फिर इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट निर्माण कवायद को लेकर हलचल रही। भारत सरकार के लैंड पोस्ट अथॉरिटी के चेयरमैन आदित्य मिश्रा सौनौली बार्डर पर पहुंचे। एसएसबी व राजस्व अधिकारियों के साथ बैठक के उपरांत उस स्थल का जायजा लिया, जहां लैंड पोर्ट कार्यालय बनना है। जिसमें इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट भी निहित है। पत्रकारों से बात चीत में उन्होंने जिक्र किया किया कि केंद्र सरकार ने सौनौली बॉर्डर पर लैंड पोर्ट कार्यालय बनाने के लिए 340 से 350 करोड़ रूपये के धन की संस्तुति कर दी है। लेकिन राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण की प्रकिया नहीं पूरी हो पाई है। जिससे इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट निर्माण वर्षों से अधर में लटका है। यदि भूमि अधिग्रहण पूर्ण हो जाए तो 2 वर्ष में लैंड पोर्ट बन कर तैयार हो जाऐगा।
वहीं, राज्य सरकार ने अब तक केवल भूमि चिन्हांकन किया है। जिसमें 103 किसानों की भूमि अधिग्रहित हुई है। लेकिन अब तक 103 में से मात्र 3 किसानों ने भूमि अधिग्रहण की शर्तों को मान जमीन को सरकार के नाम बैनामा किया है। 100 किसान भूमि अधिग्रहण के एवज में मिल रहे रकम से असंतुष्ट हैं और वह अपनी भूमि देने से इंकार कर रहे हैं। नौतनवा उपजिलाधिकारी प्रमोद कुमार का कहना है 103 में से 100 किसान दिए जा रहे भूमि अधिग्रहण मूल्य से सन्तुष्ठ नहीं हैं। जिसके कारण भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। किसानों को नियमतः समझाने का प्रयास किया जा रहा है।
(सहयोगी रिपोर्टर गुड्डू गुप्ता सोनौली)