डॉ प्रेमदान भारतीय

मृत्यु केवल देहावसान नहीं न केवल सांसों का रुकना।

मृत्यु वो भी है कि जिस देश में रहें उससे प्यार न करें।।


मृत्यु केवल मिट्टी में बेमक़सद मिल जाना ही नहीं है।

मृत्यु वो भी है इंसानियत का दिल से सत्कार न करें।।
मृत्यु केवल विछोह नहीं जीते जी अपनो से अपनों का।

मृत्यु वो इंसान होकर इंसानियत का जो विचार न करें।
मृत्यु केवल घटना नहीं है आम घटनाओं की तरह भाई

मृत्यु वो भी कि बुराई का दिल से कभी इनकार न करें।
डॉ प्रेमदान भारतीय

डॉ प्रेमदान भारतीय

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