
मीडिया पंचायत न्यूज़ नेटवर्क / महराजगंज
(धर्मेंद्र चौधरी की रिपोर्ट) :
सुरक्षा एजेंसियों द्वारा
भारत-नेपाल सरहद पर मोस्ट वांटेड विकास दुबे के सर्च अभियान के दावे किए जा रहे है। बार्डर किनारे जगह-जगह उसके फोटो चस्पा किए जा रहे हैं। एसएसबी-पुलिस का दावा है कि सभी पगडंडियों पर चुस्त निगेहबानी की जा रही है। लेकिन सुरक्षा एजेंसियों के तमाम दावे जमीनी स्तर पर बिल्कुल विपरीत है। बॉर्डर सील के बावजूद सरहद के पगडंडियों पर आवागमन धड़ल्ले से जारी है।
यह आवागमन आम नागरिकों का नहीं बल्कि तस्करों का है। तस्करी की एक बाढ़ सी आई है।
जिसकी बानगी ठूठीबारी थानाक्षेत्र के लक्ष्मीपुर खुर्द में देखने को मिली है। पूरे गांव में 5000 हजार से भी अधिक तस्करी की मटर की बोरियां बरामद हुई। सीमा सील के दावों के बीच इतनी बड़ी खेप नेपाल से भारत कैसे आ गई? यह बड़ा सवाल है।
सोनौली कोतवाली क्षेत्र के भगवानपुर, श्यामकाट, खनुआ व हरदी डाली गांव में भी तस्करी की बाढ़ सी आ गई है। प्रतिदिन सैकडों बोरी उर्वरक नेपाल जा रही है। वहीं मटर के बोरियों की खेप नेपाल से भारत आ रही है। इसकी निगरानी लेकिन बार्डर पर तैनात एसएसबी, पुलिस व कस्टम विभाग मौन है।
बड़ा सवाल यह है कि तस्करी की इस बेख़ौफगी को हवा क्यों है। तस्करी की इस बाढ़ में वांटेड विकास दुबे उर्वरक की बोरी के साथ कब नेपाल चला जाए? कुछ कहा नहीं जा सकता है।