मीडिया पंचायत न्यूज़ नेटवर्क/महराजगंज:
प्रशासन ने गैर प्रांत से वापस अपने घर आ रहे प्रवासी मजदूरों को होम क्वारेन्टीन के दिशा निर्देश दिए हैं। नोडल अधिकारी की निगरानी में ग्राम पंचायत स्तर पर निगरानी समिति गठित की गई है। लेकिन बाहर से वापस आए आधे से अधिक मजदूर होम क्वारेन्टीन होने की बजाए गांव के स्कूलों में ही रुकने को प्राथमिकता दे रहे हैं। पिछले दो दिनों में अपने गांव वापस पहुंच रहे मजदूरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
सिर्फ नौतनवा ब्लाक क्षेत्र पर नजर डाली जाए। तो उसके कुल 97 ग्राम पंचायत में करीब 15-18 हजार लोग प्रवासी मजदूर के रूप में चिन्हित हुए हैं। जो अब वापसी कर रहें हैं। ऐसे में स्कूलों में भारी भीड़ लग सकती है। जहां कोरोना सतर्कता के मद्देनजर शारिरिक दूरी बनाए रखना आसान नहीं होगा।
बानगी के तौर पर मात्र तीन गांव के आंकड़ों पर नजर डाली जाए। तो हरदी डाली गांव के 250 से भी अधिक लोग वापस आ रहे हैं। अब तक 10 से भी अधिक लोग स्कूल में आ कर रुके हैं।
कैथवलिया उर्फ बरगदही गांव के भी 150 से अधिक लोग बाहर मजदूरी के लिए गए थे। जो वापस गांव में पहुंच रहे हैं और स्कूल में रुक रहे हैं। खनुआ गांव के 200 से भी अधिक बाहर कमाने गए थे। वह भी घरों को वापस लौट रहे हैं।
कई मजदूर तो इसलिए होम क्वारेन्टीन से परहेज कर रहे हैं क्योंकि उनके घर छोटे हैं और परिवार की संख्या अधिक। कुछ तो इसलिए अपने घर नहीं जा रहे क्योंकि उनके घर वाले ही स्कूल में ही रुकने की सलाह दे रहे हैं।
गौर करने वाली बात यह भी है कि दुविधा की स्थिति गठित निगरानी समिति में भी है। गांवों में इस तरह की अफवाहें भी तेजी से फैलाई जा रहीं हैं कि घर लौटे मजदूरों के खाने-पीने व स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए धन आया है। जिसे डकारने के लिए निगरानी समिति व प्रशासन मजदूरों को होम क्वारेन्टीन की सलाह दे रहा है। इस अफवाह की सफाई देना निगरानी समिति पर अतिरिक्त काम का बोझ बढ़ा रहा है।