नई दिल्ली:
भारत में कोविड19 की रैपिड जांच किट व अन्य राहत सामग्रियां चीन से मंगाई जा रही हैं। लेकिन उन किट को महंगे दामों पर बेचा जा रहा है और ली जा रही अधिक रकम का कोई कारण नहीं बताया जा रहा है। ICMR ( indian cauncil of medical & research ) को इसकी जवाबदेही देनी है। नई दिल्ली स्थित दिल्ली हाई कोर्ट ने खरीददारी व अनुबंधों के साक्ष्यों पर दाखिल एक वाद की सुनवाई में ICMR को जवाबतलब किया है।
सुनवाई में वादी पक्ष ने का आरोप है कि चीन से मंगाई गई कोविड19 की एक रैपिड जांच किट का मूल्य टैक्स समेत 245 रूपये होने चाहिए। लेकिन ICMR अन्य चिकित्सीय संस्थानों से प्रति किट के 600 रूपये ले रहा है।
चीन से 7.24 लाख कोविड19 जांच से संबंधित किट व अन्य राहत सामग्रियां मंगाई गई है। जिसमें 2 लाख से अधिक जांच किट की डिलेवरी हो चुकी है। शेष पांच लाख जांच किट की भी आपूर्ति शीघ्र ही होने की संभावना है।
इस आपदा के समय में कोविड19 जांच किट के लिए जा रहे अधिक रकम के मामले को कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। वहीं विपक्ष के नेताओं इस मामले में भाजपा पर निशाना साधा है।