*।। हास्य रचना।। * एस एन एस मेहरा

*।। हास्य रचना।। *
एक दिन मैंने अपनी श्रीमती से कहा कि, आँखें कमजोर मेरी होती जा रही हैं।
तुम्हे देख देख आँखें हुई बावली सी और नैन ज्योति धीरे धीरे खोती जा रही है।।
कि आज्ञा हो तो चस्मा एक बनवा लूं, नहीं तो मैं शूर का जीवन बिताऊंगा।
चल दोगी तुम तो अकेला मुझे छोड़के अंधा होके कैसे मैं कमाऊंगा मैं खाऊंगा।
बीवी बोली सुनो पिया मत तोड़ो मेरा जिया, एक नही चश्मा तो दो बनवा लो।
मोहल्ले मे आ गई क्या और कोई सुंदरी,
यही जाना चाहूं मुझे इतना बता दो।

एस एन एस मेहरा
https://youtu.be/sKQnAe33h04

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