साहित्य और अदब का एक जगमगाता सितारा अस्त हो गया। श्री सर्वेश चंदोसवी जी का निधन दिनांक 25 मई 2020 को हो गया।वे 71 वर्ष के थे।उर्दू के जानकार आदरणीय सर्वेश चंदोसवी जी अपने गीत ,ग़ज़ल,नज़्मों के लिए अपने देश तो क्या विदेशों में भी बेहद ख्याति प्राप्त हुई।इतना ही नहीं उन्होंने हर विधा में अपनी लेखनी का जादू बिखेरा,गीत,कविताएं, शायरी,कहानियां,नज़्में,ग़ज़ल,जिसके लिए वह युगों युगांतर तक याद किये जायेंगे।उनका चले जाना साहित्य जगत की बहुत बड़ी क्षति है, जिसकी भरपाई करना नामुमकिन है।उनके पाठक,मंचो के श्रोता,और दर्शकों औऱ उनके शागिर्दों की एक बड़ी संख्या है, जो उन्हें हृदय से प्रेम करते थे,करते हैं और हमेशा करते रहेंगे।आज उनके सभी चाहने वालों के लिए बेहद दुखदायी समय है।उनकी एक और विशेष बात है, जिसके लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी है, वो यह है कि 2014 के बाद यानी कि 2015 में उनकी स्वरचित 15 किताबें,2016 में 16 किताबें,2017 में 17 किताबें,2018 में 18 किताबें,2019 में 19 किताबें और 2020 में 20 किताबों की योजना थी,इस अनूठी पहल के लिए भी सदा याद किये जायेंगे।अंततः मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं,उन्हें अपने श्री चरणों मे स्थान दे,और उनकी दिव्य आत्मा को शांति प्रदान करें।साथ ही उनके पूरे परिवार और उनके सभी चाहने वालों को इस दुःखद घड़ी से जल्द बाहर आ पाने का संबल प्रदान करें।
मैं अपने और अपने पूरे दर्पण परिवार जिसमें कि प्रमुख हैं, हमारी अध्यक्षा महोदया श्रीमती कीर्ति काले,संस्थापक एवम महासचिव श्री हरि प्रकाश पाण्डेय तथा,संस्थापक एवम उपाध्यक्ष महोदय श्री ओम प्रकाश कल्याणे जी की ओर से आदरणीय सर्वेश चंदोसवी जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए भावभीनी श्रंद्धाजलि समर्पित करती हूं।
शोभा किरण
