नौतनवा/महराजगंज:
महराजगंज जिले के नौतनवा तहसील में एक चौंकाने वाला मामला प्रकाश में आया है। एक भूमि पूरा बिक्री होने के बाद भी बिकती रही और तहसीलदार द्वारा रकबे से अधिक बिकी हुई भूमि का खारिज दाखिल भी कर दिया है। सवाल यह उठ रहा है कि इतनी बड़ी चूक तहसीलदार व उपनिबंधक कार्यालय के कर्मचारियों व अधिकारियों को क्यों नहीं दिखी? लेखपाल भी इतनी बड़ी चूक को नहीं पकड़ पाए। आखिर क्यों?
नौतनवा के कुनसेरी उर्फ विशुनपूरा की एक भूमि जिसका अराजी नंबर 1675 है। जिसके मालिक का नाम नानकचंद हिरवानी पुत्र लक्ष्मी चंद है। भूमि का कुल क्षेत्रफल 0.142 हेक्टेयर है। इसकी खतौनी पर नजर डालें तो 18 अप्रैल वर्ष 2018 से यह टुकड़ों-टुकड़ों में बिक्री होना शुरू हुई। 22 जनवरी वर्ष 2020 इसे कुल 12 लोगों ने खरीदा। यहां तक पूरी भूमि बिक्री को चुकी थी। लेकिन इसके बाद भी यह भूमि बिकती रही। खतौनी का आंकलन करें तो जिस भूमि का क्षेत्रफल 0.142 हेक्टेयर था। उसे करीब 0.200 हेक्टेयर तक बिक्री कर दी गई और यह बिक्री वैध करार देते हुए तहसीलदार द्वारा दाखिल-खारिज भी कर दिया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक भूमि और भी बिक्री हुई है। लेकिन मामला जब चर्चा का विषय बना, तो अन्य बैनामों को वैध रूप देने से रोक लगा दी गई है।
Tue Feb 2 , 2021
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