सौनौली से गुड्डू गुप्ता की रिपोर्ट(मीडिया पंचायत)
16 सितंबर की शाम सोनौली बार्डर के रास्ते नेपाल जाने का प्रयास करने वाले संदिग्ध पांच-छह सदस्यीय साधु वेष धारियों दल चर्चा का विषय हुए हैं। वे सफेद व गेरुआ वस्त्र में थे। बॉर्डर सील होने के कारण साधुओं के दल को नेपाल प्रवेश की अनुमति नहीं मिली थी। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर वे कौन थे, कहां से आए थे और नेपाल क्यों जाना चाहते थे? चर्चा है कि सौनौली बार्डर काम करने वाला एक क्लियरिंग एजेंट उन साधुओं को नेपाल भेजने का प्रयास कर रहा था। लेकिन नेपाल की बेलहिया पुलिस व सशस्त्र पुलिस बॉर्डर सील का हवाला देते हुए उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी थी।
गौरतलब है उसी रात विजिलेंस व पुलिस टीम ने सौनौली के एक बौद्ध संस्थान पर छापा मारा था। उसके मैनेजर से घंटों पूछताछ चली थी। लेकिन वहां विजिलेंस टीम को कुछ नहीं मिला। लेकिन उस पूछताछ में साधुओं का भी जिक्र हुआ था। साथ ही एक क्लियरिंग एजेंट के बारे में पूछताछ हुई थी।
मिली जानकारी के मुताबिक संदिग्ध साधू उसी बौद्ध संस्थान के पास स्थित एक ढाबे तरह के दुकान में भोजन का आर्डर दिए और वहीं कहीं ठहरे थे। क्लियरिंग एजेंट भी उन साधुओं के साथ देखा गया था। जो उनके साथ सौनौली मुख्य गेट तक भी पहुंचा था। लेकिन काफी मशक्कत व प्रयास के बाद भी बार्डर पर तैनात नेपाल की पुलिस द्वारा प्रवेश की अनुमति नहीं मिली। इसके बाद उन साधुओं का दल कहां गए? यह किसी को पता नहीं है।